Amul Mazumdar: आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम विश्व विजेता बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही है और दुनिया के सामने अपने शानदार प्रदर्शन से जिसने एक मिसाल पेश की है उसके शिक्षक मार्गदर्शक हैं अमोल मजूमदार ..
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आखिरकार अपना नया कोच मिल गया है। अमोल मजूमदार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने महिला टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया है। यह पद पिछले साल दिसंबर से खाली पड़ा था, और लगभग छह महीने चली चयन प्रक्रिया के बाद क्रिकेट सलाहकार समिति की अनुशंसा पर बुधवार को उनका नाम औपचारिक रूप से घोषित किया गया।
अमोल मजूमदार कौन हैं?
अमोल अनिल मजूमदार, जिनका जन्म 11 नवंबर 1974 को हुआ था, भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। उन्होंने मुंबई और असम की टीमों के लिए खेलते हुए लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन किया। मजूमदार दाएँ हाथ के बल्लेबाज रहे हैं और उन्होंने रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था — यह उपलब्धि उन्होंने अमरजीत कैपी के पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर हासिल की थी।
शानदार घरेलू करियर
लगभग 16 साल के अपने लंबे घरेलू करियर में मजूमदार ने मुंबई की टीम को आठ बार रणजी ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने असम और आंध्र प्रदेश की टीमों के लिए भी खेला। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे एक सफल कोच के रूप में उभरे और पिछले एक दशक में उन्होंने कई अहम कोचिंग जिम्मेदारियाँ संभालीं।
कोचिंग करियर
अमोल मजूमदार का कोचिंग अनुभव काफी व्यापक है। वे नीदरलैंड्स और दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय टीमों के साथ कोचिंग भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा वे आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाजी कोच भी रह चुके हैं। हाल के दो घरेलू सत्रों में उन्होंने मुंबई पुरुष टीम के मुख्य कोच के रूप में भी कार्य किया और टीम को मजबूत दिशा दी।
क्रिकेट यात्रा की शुरुआत
1993–94 के रणजी ट्रॉफी सीजन में मजूमदार ने बॉम्बे की ओर से अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला और हरियाणा के खिलाफ 260 रनों की ऐतिहासिक पारी खेल डाली। यह पारी लंबे समय तक किसी भी खिलाड़ी के डेब्यू पर सर्वाधिक स्कोर का विश्व रिकॉर्ड रही — जिसे 2018 में अजय रोहरा ने तोड़ा।
मजूमदार को 1994 में इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय अंडर-19 टीम का उपकप्तान बनाया गया था। उस समय उन्हें “नए तेंदुलकर” के रूप में देखा जाता था। उन्होंने भारत ए टीम के लिए खेलते हुए राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों के साथ मैदान साझा किया।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक न पहुँच पाने की कहानी
हालाँकि मजूमदार की प्रतिभा पर किसी को संदेह नहीं था, फिर भी उन्हें कभी भारतीय सीनियर टीम (टेस्ट या वनडे) में जगह नहीं मिल सकी। उनके कई समकालीन साथी — जैसे तेंदुलकर, द्रविड़ और गांगुली — अंतरराष्ट्रीय मंच पर छा गए, लेकिन मजूमदार घरेलू क्रिकेट तक ही सीमित रह गए।
संघर्ष और वापसी
2002 में उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था, पर जल्द ही उन्होंने अपने फैसले को बदला। नतीजतन, उन्होंने 2006–07 रणजी सीजन में मुंबई टीम की कप्तानी करते हुए टीम को एक और खिताब दिलाया। इसी दौरान वे रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने, एक रिकॉर्ड जो उन्होंने अशोक मांकड़ से छीना था।
नई शुरुआत और संन्यास
सितंबर 2009 में मजूमदार ने असम टीम से जुड़कर अपने करियर का नया अध्याय शुरू किया, क्योंकि उन्हें मुंबई टीम से मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट के लिए चयनित नहीं किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2012 में उन्होंने आंध्र प्रदेश के साथ अनुबंध किया।
2013–14 के रणजी सीजन के दौरान उन्होंने शेष मैचों से हटने का निर्णय लिया और कहा — “अब वक्त है कि युवा खिलाड़ी मैदान पर उतरें और आगे की जिम्मेदारी संभालें।”
अब भारतीय महिला क्रिकेट के कोच
अमोल मजूमदार का क्रिकेट और कोचिंग दोनों में अनुभव भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए बड़ी पूंजी साबित हो सकता है। उनके मार्गदर्शन में टीम से नए जोश, अनुशासन और तकनीकी सुधार की उम्मीद की जा रही है।



