बंदिश बैंडिट्स (2020)
season 1 बहुत शानदार है . आज ही देख डालिये !!
इसका फर्स्ट सीजन कल रात ख़त्म किया। इतना शानदार लगा कि मन किया ख़त्म ही न हो। मेरे लिये कनेक्टिविटी के कई कारण थे। पहला राजस्थानी पृष्ठभूमि और दूसरा शास्त्रीय संगीत पर आधारित होना। तीसरा नसीरुद्दीन शाह और अतुल कुलकर्णी जैसे दिग्गज कलाकारों का एक दूसरे के सामने होना।
वैसे मुझे राजेश तैलंग, शीबा चड्ढा, अमित मिस्त्री, ऋतुराज सिंह और त्रिधा चौधरी का काम भी पसंद आया। लीड जोड़ी ऋत्विक भौमिक और श्रेया चौधरी ने अच्छा काम किया लेकिन कई बार होता है जब देखते हुए आप उनके बदले दूसरी चॉइसेस के बारे में सोचने लगें, बस कुछ ऐसा ही लगा।
कहानी बढ़िया लगी, संगीत का पक्ष सबसे सशक्त लगा। शंकर अहसान लोय की तिकड़ी ने बहुत ही शानदार बंदिशें दी हैं। ट्रीट टू सोल टाइप्स म्यूजिक है कि सुनते रहो पर मन न भरे।
बस मेरी शिकायत इस बात से है कि ढेर सारी गालियाँ हैं, जिसमें से ज्यादातर कुणाल रॉय कपूर के किरदार आर्घ्य से दिलवाई गईं, इनसे पूरा स्वाद बेमज़ा हो गया। ऊपर से वक़्त बेवक्त के किसिंग सीन्स पूरी लय को तोड़ रहे थे। मेरे जैसे ओल्ड स्कूल्स वालों के लिये ये कल्चरल शॉक जैसा रहा। मतलब डायरेक्टर को मालूम होना चाहिये कि उसकी टारगेट ऑडिएंस कौन हैं?
कोई यंगस्टर्स वाली फ़ास्ट लव स्टोरी बनाते और वहाँ फिट करते ज़ेन ज़ी वाले सारे फंडे। फ़ाउल लेंग्वेज यहाँ स्वादिष्ट पकवान में कंकड़ जैसी प्रतीत हो रही थी। एकदम नॉन झेलेबल
।
लेकिन इस सबके बावजूद सिर्फ अद्भुत संगीत और अपने पसंदीदा एक्टर्स के लिये मैं इसे स्ट्रोंगली रिकमेंड करती हूँ। कई साल हो गए न देखा हो तो अब देख लीजिये। मैं दूसरा सीजन शुरू कर रही हूँ। सुना है उसमें फ़ाउल लेंग्वेज की भरमार कम है। आप लोग चाहें तो पहला सीजन अमेज़न प्राइम पर देख सकते हैं। पसंद आएगा।
.(Anju Sharma)