Friday, August 8, 2025
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Chhangur Baba: काली कोठी पर तीसरे दिन भी चला बुलडोजर – तोड़ने में हो रही भारी मशक्कत

Chhangur Baba नहीं ये शख्स दरअसल बलरामपुर का जल्लाद था जिसका अब होगा सही हिसाब किताब कानून की काल-कोठरी में..

Chhangur Baba नहीं ये शख्स दरअसल बलरामपुर का जल्लाद था जिसका अब होगा सही हिसाब किताब कानून की काल-कोठरी में..

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण गिरोह का सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अब कानून के शिकंजे में है। उसके अवैध साम्राज्य पर तीसरे दिन भी प्रशासन का बुलडोजर एक्शन जारी रहा।

छांगुर बाबा ने सरकारी जमीन पर एक भारी-भरकम आलीशान कोठी खड़ी कर रखी थी, जो किसी किले जैसी मजबूत है। इसे गिराने में बुलडोजर और जेसीबी मशीनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

क्यों नहीं टूट रही बाबा की कोठी?

जानकारी के मुताबिक, बाबा की कोठी की दीवारों में 10 से 15 मिलीमीटर तक मोटी सरिया लगाई गई है और इसमें वही कंक्रीट मटेरियल इस्तेमाल हुआ है, जो आमतौर पर पुल और बड़े ब्रिज बनाने में काम आता है। इस वजह से ये इमारत बेहद मजबूत हो गई है।

अंदर से किसी किले से कम नहीं थी कोठी

छांगुर बाबा की कोठी बाहर से ही नहीं, अंदर से भी पूरी तरह हाईटेक थी।

पूरे भवन में सीसीटीवी कैमरे लगे थे।

प्राइवेट पावर प्लांट और सोलर पैनल लगे थे।

चारों तरफ कटीले तार थे जिनमें कथित तौर पर करंट भी दौड़ता था ताकि कोई पास न जा सके।

कोठी के अंदर एक गुप्त कंट्रोल रूम भी था, जो बाबा के बेडरूम के अंदर बनाया गया था।
वहां से हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जाती थी।

गिरफ़्तारी और जांच

बीते शनिवार को ATS ने छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को बलरामपुर के मधपुर से गिरफ़्तार किया था। बाबा के खिलाफ पहले से गैर-जमानती वारंट जारी था और उस पर 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित था। अब दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद लखनऊ जिला जेल भेजा गया है, जहां ATS उनसे पूछताछ करेगी।

इससे पहले 8 अप्रैल को इसी मामले में नसरीन के पति जमालुद्दीन और छांगुर बाबा के बेटे महबूब को भी गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों भी फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं।

अब किन सवालों की जांच होगी?

सूत्रों के मुताबिक, ATS पूछताछ में इन सवालों के जवाब तलाशेगी:

इस अवैध धर्मांतरण का पैसा कहां से आया?

अब तक कितने लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया?

गिरोह के सदस्य किस-किस राज्य में सक्रिय हैं?

क्या इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है?

इनके खाड़ी देशों में किससे संपर्क थे?

पूरा नेटवर्क किसके इशारे पर चलाया जा रहा था?

(प्रस्तुति -त्रिपाठी सुमन पारिजात)

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