Delhi Election 2025: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद ही बीजेपी ने दिल्ली चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थीं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बेजयंत पांडा को चुनाव प्रभारी और अतुल गर्ग को सह प्रभारी बनाया गया और दोनों को दिल्ली चुनाव को लेकर सौंपी गई अहम जिम्मेदारी.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है. यह जीत ऐतिहासिक है और बीजेपी ने इस राजधानी विजय के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े चेहरों के खिलाफ बीजेपी ने दमदार उम्मीदवार उतारे. पीएम मोदी के नेतृत्व में मजबूती से चुनावी रणनीति को लागू किया गया. 2015 और 2020 के चुनाव में मुह की खाने के बाद इस बार बीजेपी ने दिल्ली पर राज कायम करने के लिये ठोस खाका तैयार किया और उसको अच्छी तरह से लागू भी किया.
आइये बताते हैं आपको कौन हैं वो छह चेहरे जिनके परिश्रम ने BJP की दिल्ली जीत में अहम योगदान दिया:
बैजयंत पांडा
बैजयंत पांडा भाजपा सांसद हैं जिनको दिल्ली चुनाव के लिए चुनाव प्रभारी का जिम्मा दिया गया. पूर्व में वह दिल्ली के संगठन प्रभारी रहे हैं और संगठनात्मक जिम्मेदारियों का अनुभव रखते हैं. इस अनुभव से राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी को लाभ मिला. साल 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर रहने के पहले बीजेपी ने आखिरी बार 1993 में राजधानी में सरकार बनाई थी. ये अलग बात है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने 3 बार लगातार दिल्ली की सातों सीटें जीती हैं.
अतुल गर्ग
अतुल गर्ग यूपी की गाजियाबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं जिनको दिल्ली चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाया गया. कांग्रेस की डॉली शर्मा को परास्त करके उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता था. तीन साल पहले 2022 में गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट से वो विधायक भी चुने गए थे. और उसके पहले योगी आदित्यनाथ सरकार में वो स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. गाजियाबाद नगर निगम में सबसे पहले मेयर बने दिनेश चंद्र गर्ग के बेटे हैं अतुल गर्ग.
दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के ये चेहरे लगातार चर्चा में बने रहे.
प्रवेश वर्मा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे चर्चित चेहरों में से एक बन कर उभरे प्रवेश वर्मा. वो पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं जो पहले बीजेपी के सांसद भी रह चुके हैं. नई दिल्ली सीट से उन्होंने अरविंद केजरीवाल को पटखनी दे कर बड़ी जीत दर्ज की है. चुनाव प्रचार के दौरान प्रवेश वर्मा सुर्खियों में लगातार बने रहे, उनके विवादास्पद बयानों और आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों ने उनको चर्चा में बनाये रखा.
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में उन पर साड़ी और बांटने का आरोप लगा, जिसके कारण चुनाव आयोग ने पुलिस से शिकायत दर्ज करने को भी कहा. पंजाब की गाड़ियों के दिल्ली आने का उन्होंने विरोध किया जिससे विपक्ष ने उन्हें घेरा. आम आदमी पार्टी ने वोटर्स को लुभाने का आरोप उन पर लगाया.
रमेश बिधूड़ी
भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी पार्टी के पूर्व सांसद रह चुके हैं. इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वे चर्चा में सुनाई दिये. भाजपा के प्रत्याशी के रूप में कालकाजी से चुनाव हारने के बाद भी वो अपनी विवादास्पद टिप्पणियों से चुनाव प्रचार के दौरान सुर्खियों में बने रहे. कांग्रेस की महिला नेता प्रियंका गांधी और दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री आतिशी के बारे में उनकी टिप्पणी को आपत्तिजनक माना गया.
साल 2014 और 2019 में बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से सांसद बने और बीजेपी के दिल्ली प्रदेश के महासचिव के पद पर काम किया. दस साल तक 2003 से 2013 तक बिधूड़ी ने तुगलकाबाद से 3 बार विधायक का चुनाव जीता. में बिधूड़ी भले ही दिल्ली विधानसभा चुनाव कालकाजी सीट से सीएम आतिशी से हारे लेकिन इस चुनाव में उन्होंने पार्टी के लिए एक सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया.
वीरेंद्र सचदेवा
दो साल पहले मई 2023 में वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली BJP का स्थायी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. पूर्व में वो कार्यकारी अध्यक्ष थे, जब MCD चुनाव हारने के बाद आदेश गुप्ता ने इस्तीफा दिया. उनकी संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व के लिए सचदेवा को जाना जाता है. साल 1988 में उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में राजनीति शुरू की थी. पार्टी के वरिष्ठ जिम्मेदार नेता के तौर पर उन्होंने इसबार दिल्ली विधानसभा चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया था ताकि सभी सत्तर सीटों पर ध्यान दे सकें.
इसके बाद इसका लाभ भी मिला और आज BJP ने दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद वापसी कर ली है. एमसीडी चुनाव में पराजय के बाद दिल्ली बीजेपी का नेतृत्व करने वाले सचदेवा ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत पक्की करने के लिए पूरी जान लगा दी.
विजेंदर गुप्ता
विजेंदर गुप्ता BJP के सदस्य हैं और इस बार दिल्ली चुनावों में वो रोहिणी से उम्मीदवार थे. उनको साल 2020 में भी रोहिणी की जनता ने विधायक बनाया था और उस समय राजेश नामा ‘बंसीवाला’ (AAP) को उन्होंने 12,000 से अधिक वोटों से हराया था. विजेन्दर गुप्ता भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं. दस साल पहले 2015 के दिल्ली चुनाव में जब बीजेपी को केवल 3 सीटें मिली थीं तब वो जीतने वाले तीन उम्मीदवारों में से एक थे. वो दिल्ली BJP के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस बार भी बीजेपी की जीत के लिये उन्होंने मजबूत लड़ाई लड़ी.