बीजेपी की बल्ले-बल्ले, आम आदमी पार्टी आतंकित और कांग्रेस फेल !!!
देश जीतने वाली बीजेपी ने दिल्ली भी जीत ली है -ये स्थिति स्पष्ट हो गई है. कुल तेरह राउन्ड्स पूरे हो गये हैं. इन 13 राउन्ड्स में बीजेपी 48 सीटों पर विजय प्राप्त की है जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं और अब दिल्ली का राज उनके हाथ से निकल गया है.
दिल्ली चुनावों के नतीजे साफ हो कर सामने आ गये हैं. केजरीवाल निपट गये. बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने निपटा दिया. चार हजार से ज्यादा वोटों से हार कर केजरीवाल को जनता ने दिल्ली से बाहर कर दिया है. सौरभ भारद्वाज भी धूल चाट रहे हैं. कमाल की बात है खुद को दिल्ली का बेटा कहने वाला केजरीवाल का कांड हो गया. दिल्ली का दारू-बेटा और दिल्ली का भ्रष्ट-बेटा, दोनो ही निपट गये हैं और राजनीति के मैदान में धराशायी पड़े हैं.
600 वोट से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी हार गये हैं. मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की पर वो गुस्से में भन्नाते हुए निकल गये. एक के साथ एक शराब की बोतल फ्री में देने वाले दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया को जनता ने अपने कर्मों की सजा दे दी.
बीजेपी के प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा, सिरसा, ओमप्रकाश, रेखा गुप्ता, नीरज बसोया जीते, आम आगमी पार्टी के केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक निपट गये. हां, इस पार्टी की आतिशी कड़े मुकाबले में जीतने में कामयाब हो गई.
देश की राजधानी में अब बीजेपी की आतिशी पारी शुरू हो रही है और दिल्ली के ठग बारह पत्थर बाहर हो गये हैं. दिल्ली में बीजेपी का प्रवेश हो रहा है. संभावना साफ है कि केजरी को साफ करने वाले को प्रवेश मिलेगा दिल्ली के मुख्यमंत्री भवन में.
आज चुनाव परिणामों के दौरान ये सभी रुझान चुनाव आयोग ने सामने रखे और अंत में अंतिम परिणाम भी सामने आ गया है. मतगणना समाप्त हो गई है. बीजेपी लगातार विजय राजसिंहासन पर विराजमान है और आम आदमी पार्टी पराजय की भूमि पर लुढ़क गई है.
दिल्ली की जनता ने घोटालों और निकम्मेपन के विरोध में मुहर लगाई है. चाहे वो केजरीवाल सिसौदिया की जेल यात्रा हो या उनका शराब घोटाला हो – जनता ने अब आपदा को आमंत्रित करना समझदारी नहीं समझा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के देशभक्त स्वयंसेवकों को लफंगा कहने वाले और खुद को अनार्किस्ट कह कर गर्व का अनुभव करने वाले केजरीवाल की दिल्ली की जनता ने ही लंका लगा दी है. कई लोग दिल्ली में कहते नजर आ रहे हैं कि दिल्ली का पाप धुल गया.
ये वही पार्टी है केजरीवाल की जिसने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने यमुना में जहर घोल दिया है. देश की सबसे बड़ी आरोप लगाऊ पार्टी है आम आदमी पार्टी वो बीजेपी से लेकर चुनाव आयोग और पीएम मोदी तक को आरोप लगाने में पीछे नहीं रहे अब दिल्ली की जनता के आरोपों का जवाब देने में नाकाम है.
निकम्मेपन के मामले में भी शायद दिल्ली की आम आदमी पार्टी देश में अव्वल नंबर पर है. पिछले दस सालों मेंं दिल्ली पर शासन कर रही केजरीवाल की इस पार्टी ने दिल्ली को बरबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
दिल्ली की सड़कें टूटी हुई हैं, दिल्ली वालों के घरों में गंदा पानी आ रहा है और यमुना जी मैली ही नहीं मटमैली और गंदी हो गई हैं. दस साल दिल्ली की गद्दी पर बैठ कर मलाई खाने वाली आम आदमी पार्टी अब जनता के हाथों चुनावी पिटाई के मजे ले रही है.
बीजेपी के साथ आरएसएस के स्वयंसेवकों ने चुनाव के दौरान निरंतर परिश्रम किया जबकि आम आदमी पार्टी के सभी नेता ही चुनाव प्रचार के दौरान जनता से मुह छुपाते भागते रहे. कांग्रेस ने कोशिश की तो उनके साथ कैडर ही नहीं था न उनके नेता कोई मेहनत करते दिखे न ही उनके साथ पार्टी कार्यकर्ता दिखाई दिये. परिणाम सामने है.
भाजपा के खेमें में उत्सव का वातावरण है ढोल बज रहे हैं, आतिशबाजी हो रही है और नाचगाना शुरू हो गया है. मजे की बात है बीजेपी ने रिजल्ट आने से पहले ही अपने आत्मविश्वास और जनता के विश्वास को समर्थन दे दिया. उन्होंने सोशल मीडिया X पर पोस्ट करके स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में बीजेपी सरकार बना रही है.
मोदी-मोदी के नारे लगाये जा रहे हैं -दिल्ली की सड़कों पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं का जुलूस निकल रहा है. जय श्री राम सहित भारत माता की जय के नारे भी सुनाई दे रहे हैं. ढोल-नगाड़ों के साथ मोदी और शाह के कट आउट्स ले कर कार्यकर्ता नर्तन करते हुए उत्सव मना रहे हैं.
चाहे नई दिल्ली हो, उत्तरी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली या उत्तर पूर्वी दिल्ली या पश्चिमी दिल्ली – सभी जोन्स में बीजेपी आगे रही है और आम आदमी पार्टी पीछे. सिर्फ दक्षिणी दिल्ली में दोनो पांच पांच सीटों पर बराबरी से आगे रहे हैं.
दिल्ली में बीजेपी का 27 सालों का वनवास पूर्ण हो गया लगता है. इस बार तो मि़डिल क्लास हो या लोवर मिडिल क्लास -दिल्ली में हर वर्ग के वोटर ने बीजेपी को जिताने का निर्णय लिया और सफल रूप से लिया. राजनीतिक मानचित्र पर दिल्ली भगवा हो गई है.
दिल्ली के दंगे हों या घमंडी नेताओं के बोल या रेवड़ी बांटने की निकम्मी और भ्रष्ट राजनीति ने दांत तोड़ दिये आम आदमी पार्टी के. हालांकि इस सवाल का जवाब अभी भी नदारद है कि केजरीवाल की पार्टी अपने निकम्मेपन के कारण हारी या भ्रष्टाचार के कारण? इनको दंगों ने हराया या दारू ने?
अब आने वाले दिनों में शीशमहल के राजा की वैगनार भी बाहर आ जायेगी, मफलर भी बाहर आ जायेगा और खांसी भी फिर से वापस आ जायेगी. सड़क पर आ गये महल वाले नेता!
संदेश साफ है – कोई संदेह नहीं – दिल्ली का हिन्दू एकजुट हो गया है. वोट से चोट दी है सनातनियों ने सनातन विरोधियों को.
इस बार दिल्ली के चुनावों में जनता ने आपदा में अवसर का चयन किया. पूरी समझदारी दिखाते हुए दिल्ली के लोगों ने निकम्मे, भ्रष्टाचारी और राष्ट्र विरोधी और धर्म-द्रोहियों को पटखनी दी है. शुद्ध रूप से राष्ट्रवाद और सनातन की विजय हुई है.