Editorial on RSS: जानिये समझिये और फिर जुड़ जाइये राष्ट्र-निर्माण की इस धर्मध्वजा के साथ ताकि आपके परिवारजन और भावी पीढ़ियों को आप पर गर्व हो..
जीवन को लक्ष्य दीजिये
जीवन को विस्तार दीजिये
और जीवन को अभिमान दीजिये
भारतराष्ट्र में
आप भीड़ नहीं हैं, आप सैनिक हैं
आप स्वार्थकेन्द्रित अहंकारी नहींं
आप नम्र सेवक हैं
मातृमंदिर का समर्पित दीप बनें
सुसुप्तजनों हेतु प्रेरणा बनें
हिन्दू समाज के मार्गदर्शक बनें
हिन्दू पीढ़ियों के प्रेरक बनें
हिन्दू अस्तित्व के रक्षक बनें
संघ तोड़ना नहीं जोड़ना सिखाता है
बिखरे हुए हिन्दूजनों को
एक राष्ट्रछत्र के अन्तर्गत जोड़ें
विध्वंस व हिंसा के पथगामी नहीं
निर्माण व शांति के समर्थ पथिक बनें
साथ ही धर्म राष्ट्र व समाज के रक्षण हेतु
सुदृढ़ प्रहरी बनें – सशक्त योद्धा बनें
तिलांजलि दें
प्रमादग्रस्त पशुवत जीवन को
जीवन को नया अवसर दें नई दिशा दें
नव-उत्साह व नवीन-ऊर्जा का उपहार दें
संघ की शाखा का विशेष व्यायाम
प्रतिदिन आपको स्वास्थ्य प्रदान करेगा
संस्कृतनिष्ठ हिन्दी सीखने का अवसर प्राप्त होगा
ओम के गुन्जारों सहित
गायत्रीमन्त्र व विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रों का उच्चारण
आपकी दैनिक पूजा का कार्य भी संपन्न करेगा
अनुशासन सेवाभाव नम्रता
प्रदान कर शाखा आपके व्यक्तित्व को
सुसभ्य सज्जन व सार्थक बनायेगी
आम से विशेष बनें
राष्ट्र सर्वोपरि को प्रतिष्ठा प्रदान करें
राष्ट्रवादी बनें राष्ट्रभक्त बनें
माँ भारती के चरणों में
अपने पावन प्रेम के पुष्प अर्पित करें
जातिमुक्त सशक्त समृद्ध और संप्रभु
हिन्दुराष्ट्र के निर्माण के महायज्ञ में
आप अपनी आहुति से
जीवन को गौरवानवान्वित करें
जिस वय में हों
जिस व्यवसाय में हों
पुरुष हों या महिला
जहाँ भी हों आप
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सम्मिलित हों
आपके निवास स्थान के परितः
संघ की शाखा अवश्य चल रही होगी
वहां संपर्क करें
वे आपका ससम्मान स्वागत करेंंगे
अन्यथा गूगल सर्च में लिखें -JOIN RSS
एवं ऑनलाइन जॉइन कर लें
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
नमस्ते सदावत्सले मातृभूमे त्वया हिन्दुभूमे सुखम् वर्धितोहम !!
(पारिजात)