Sunday, December 7, 2025
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Jai Shri Ram: जानिये विष्णु अवतार श्री राम की वंश बेल

Jai Shri Ram: अत्यंत महत्वपूर्ण है यह जानना और साथ में ये भी जानना कि वंश बेल मात्र भारतवर्ष में ही जान सकना संभव है विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं..

Jai Shri Ram: अत्यंत महत्वपूर्ण है यह जानना और साथ में ये भी जानना कि वंश बेल मात्र भारतवर्ष में ही जान सकना संभव है, विश्व में अन्यत्र कहीं नहीं..

कोई आपसे पूछे कि बताइये भगवान श्री राम के दादा-परदादा का नाम क्या था? तो संभावना है कि आपको इसकी जानकारी न हो. ऐसे में हमसे आपेक्षित है कि हमें जानना चाहिये अपने आराध्य भगवान श्री राम की वंश बेल के बारे में. यहाँ प्रस्तुत है उनकी यथा-ज्ञात वंश बेल –

1 – ब्रह्मा जी से जन्मे मरीचि
2 – मरीचि के पुत्र हुए कश्यप
3 – कश्यप के पुत्र थे विवस्वान
4 – विवस्वान के पुत्र हुए वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय ही अंत में समस्त विश्व जल-प्रलय में लीन हुआ था
5 – वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की
6 – इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए,
7 – कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था,
8 – विकुक्षि के पुत्र बाण हुए,
9 – बाण के पुत्र अनरण्य हुए,
10- अनरण्य से पृथु हुए,
11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ,
12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए,
13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था,
14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए,
15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ,
16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित,
17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए,
18- भरत के पुत्र असित हुए,
19- असित के पुत्र सगर हुए,
20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था,
21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए,
22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए,
23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे |
24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है |
25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए,
26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे,
27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए,
28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था,
29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए,
30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए,
31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे,
32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए,
33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था,
34- नहुष के पुत्र ययाति हुए,
35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए,
36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था,
37- अज के पुत्र दशरथ हुए,
38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए।

जय श्री राम !

(प्रस्तुति -अंकिता चतुर्वेेदी)

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