पटना १० फरवरी। सुभाष चंद्र बोस स्मृति अन्तर्राष्ट्रीय अन्तर्जालीय दशदिवसात्मक संस्कृत व्याकरण शिविर का समापन समारोह संस्कृतमय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
यह निरंतर तेरहवां व्याकरण शिविर था। इस शिविर के प्रशिक्षक डा मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संस्कृत संरक्षण समिति ने सरल पद्धति के माध्यम से ज्ञान दिया। उन्होंने णत्व विधान, सत्व विधान एवं धातु गणपाठ की विस्तृत जानकारी दी तथा कहा कि संस्कृत का आधार व्याकरण है। व्याकरण के बिना संस्कृत संभाषण संभव नहीं है।
इस शिविर के अंतिम दिन संस्कृत व्याकरण की प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें नेट पर आधारित प्रश्न पूछे गए। इस प्रतियोगिता में पटना की संस्कृत शिक्षिका डा रम्भा कुमारी को प्रथम पुरस्कार, संस्कृत छात्रा नेहा भारती एवं लखीसराय के संस्कृत शिक्षक श्री सदानंद प्रसाद को द्वितीय पुरस्कार तथा पटना की प्रतिभा मिश्रा को तृतीय पुरस्कार साथ ही विशेष पुरस्कार भोपाल की तारा विश्वकर्मा एवं पटना की स्वाति सिंह को दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डा मुकेश कुमार ओझा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आधुनिको भव संस्कृतं वद अभियान ने की। उद्घाटनकर्त्ता सुजाता घोष, राष्ट्रीय सचिव, संस्कृत संरक्षण समिति ने संस्कृत में सरल रुप से आपने विचारों को व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि डॉ महेश केवट ने कहा कि व्याकरण का ज्ञान आवश्यक है। धन्यवाद ज्ञापन स्वाति सिंह तथा ऐक्य मन्त्र -तारा विश्वकर्मा ने प्रस्तुत किया।११फरवरी से संस्कृत संभाषण शिविर प्रारंभ होगा।
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