Meghalaya Honeymoon Tragedy: अब सामने आई है इंदौर के लापता कपल की आखिरी बातचीत— सोनम की आवाज़ में सुनाई दिया डर- राजा की मां से हुई आखिरी कॉल का ऑडियो क्लिप वायरल हुआ..
मेघालय में हनीमून के दौरान लापता हुए इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की परिवार से हुई आखिरी बातचीत की ऑडियो क्लिप्स अब सामने आ रही हैं, जो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं। इन क्लिप्स में दोनों की बेचैनी, थकान और असहजता साफ महसूस की जा सकती है।
सोनम ने सास से क्या कहा?
सोनम की अपने सासू मां से फोन पर बातचीत के दौरान सुनी गई आखिरी पंक्तियाँ थीं:
“हम इस वक्त चढ़ाई कर रहे हैं, बाद में बात करती हूं।”
इस पर सास ने पूछा — “आज तुम्हारा व्रत है ना?”
सोनम ने जवाब दिया:
“हां, मेरा व्रत है। लेकिन मैं इसे चढ़ाई की वजह से नहीं तोड़ूंगी।”
इसके बाद की बातचीत में सोनम की आवाज़ में थकान और परेशानी झलकती है। वह बताती हैं:
“हम बहुत घने जंगल में हैं। यहां कुछ भी उपलब्ध नहीं है। चढ़ाई एकदम सीधी है। मैंने राजा से कहा था कि ये मत करें, मगर वो कभी नहीं सुनता। मैं थक गई हूं। यहां खाना भी अच्छा नहीं है। सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है।”
राजा की मां से आखिरी बात
एक और ऑडियो क्लिप में राजा रघुवंशी भी अपनी मां से बात करते सुने गए। वह कहते हैं:
“हम पहाड़ की चोटी पर पहुंच गए हैं। अभी फल खा रहे हैं।”
मां उनसे पूछती हैं — “इतनी चढ़ाई क्यों की? कोई वीडियो क्यों नहीं भेजा?”
राजा जवाब देते हैं:
“यहां नेटवर्क नहीं है मां। जैसे ही मिलेगा, भेज देंगे।”
मां पूछती हैं — “कब वापस आ रहे हो?”
राजा कहते हैं:
“दो दिन में ट्रिप खत्म होगी, फिर लौट आएंगे।”
इसके बाद दोनों हो गए लापता
बताया जा रहा है कि यह उनकी अपने परिवार से आखिरी बातचीत थी। इसके कुछ ही घंटों बाद दोनों लापता हो गए।
11 दिन बाद, राजा का शव मेघालय के चेरापूंजी क्षेत्र के वेई सॉडॉन्ग जलप्रपात के पास 100 फीट गहरी खाई में मिला। वहीं पास में एक महिला की सफेद टी-शर्ट, दवाइयों की पट्टी, एक टूटी मोबाइल स्क्रीन, और स्मार्ट वॉच भी बरामद हुई है, जो संभवतः सोनम की हो सकती हैं।
सोनम की कुशलता को लेकर गहराता भय
सोनम अब भी लापता हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, उनकी सलामती को लेकर परिवार और समाज में बेचैनी बढ़ती जा रही है। उनके साथ क्या हुआ होगा, यह सोचकर हर किसी का दिल दहल रहा है।
ईश्वर से यही प्रार्थना है — एक जान तो चली गई, अब दूसरी को बचा लीजिए।
(अर्चना शेरी त्रिपाठी)