Narendra Tiwari writes: कल बाघ पकड़ना भी सिखाएगा मुझे वो तो..- पढ़िए तिवारी जी की कलम से ‘गिरिजा गाथा’ का एक सुन्दर अंश..
…धत्त ऐसा भी कभी हो रे…! झुट्ठी
तेरे जूड़े में लगे बेला की कसम जो मैं झूट कहूँ तो ये मुरझा जाएं…
फिर क्या हुआ उसने तुझे छुआ…!
हाय…दैय्या…छू लेता तो भसम न हो गई होती तेरी गुइयाँ…इस आग से तो छुट्टी मिलती…
फिर रात भर ताल किनारे करती क्या रही रे…!
जादू देखती रही उसका…
जादू..!
हाँ…उसने पहले अपने माथे से चंदा उतारा और निकाल कर सामने लगा दिया फिर झोरी खोली तारे छितरा दिए…
तेरा जोगी…भगवान है क्या रे!
मेरा जोगी शिव है री तीन आंखों वाला तीनों में तीन लोक बसते हैं उसके…
तो फिर तू कौन सी आंख में बसती है…!
मैं आंख में कहाँ मैं तो उसकी देह में बसती हूँ…
तू पगला गई है उस जोगी के मोह में…कल अम्मा से बताती हूँ…!!
अम्मा से बता दे…काका से बता दे… सारे गांव में ढ़िढोरा पीट दे…
कल तो दिन में आएगा मेरा शिव… कहा है उसने कल जब भेड़ चराने आओगी तो तुम्हे धनक दिखाऊंगा पर अपने घर से सिलबट्टे पर अमिया की चटनी पीस लाना…मैं रोटी लाऊंगा कन्या…कण्डे पर सिकी हुई मोटी-मोटी नरम-नरम…
तू फिर उससे मिलेगी…!
मैं तो घिव भी लेकर जाऊंगी…कल आजी ने माखन जलाकर सीसी में धर दिया था…तू जानती नहीं वो अकेला नहीं आता रात में तो डर गई थी…
अकेला नहीं आता…!!
हाँ री…गोजर अजगर..फेटारे उसके संगी हैं…एक उज्जर बैल पर बैठ कर आता है मेरा शिव…
तुझे कैसे पता उस जोगी का नाम शिव है…! क्या तुझे बताया उसने..!
वो कुछ नहीं बताता बस आंखे मूंद बैठा रहता है…पूछती हूँ तो कहता है तुझे ही तो देख रहा हूँ…
भूत-बैताल लगता है मुझे तेरा जोगी..जोगड़ा..!!
भूत कहाँ भूतनाथ है वो तो…बैताल उसके त्रिशूल में बांधे रहिते हैं…
डर नहीं लगता तुझे…!
बताया तो रात डर गई थी जभी तो कल दिन में भेंट करने आ रहा…तू भी चल, कल दुपहरी…
ना…री…उस ओर मैं न जाऊं कभी…कोई दस इमलियां भी दे जो..!
मत चल मुझे क्या…कल बाघ पकड़ना भी सिखाएगा मुझे वो तो…
हाय दैय्या…बाघ..!
जब क्या…वो सब पकड़ लेता है जाने कौन सी सम्मोहिनी विद्या जानता है…सब उसके पास आकर चुप हो जाते हैं…कल तो एक सियार आकर बड़ी देर रोता रहा…मैं भी रोने लगी तो कहिता है…तू रो मत गिरजा…तुझे तो इनके आँसू पोछने हैं…जाने क्या क्या कहिता है मैं तो कुछ जान ही नहीं पाती…!!
अरे उठ री सो गई तू…उठ मेरी बात सुन…सुन तो…उठ उठ..जा मर…सो जा…मुझे तो अब नींद कहाँ आएगी भोर होने वाली है मेरा जोगी आ रहा होगा…!!
#गिरजा_गाथा
(नरेंद्र तिवारी)