Nathuram Godse:जस्टिस जी डी खोसला वो जज थे, जिन्होंने नाथूराम गोडसे केस की सुनवाई की थी और नाथूराम गोडसे को फांसी की सजा दी थी..परंतु उसके बाद उन्होंने जो लिखा वो चौंकाने वाला है..
गोडसे को फांसी पर चढ़ाने के बाद जज साहब, अपनी किताब “द मर्डर ऑफ महात्मा एन्ड अदर केसेज फ्रॉम ए जजेज़ डायरी” में पेज नंबर 305 -06 पर जो लिखा वह जानने योग्य है:-
“अदालत में गोडसे ने अपनी बात पाँच घंटे के लंबे बयान के रूप में रखी थी जो कि 90 पृष्ठों का था,और 5 घंटे तक लगातार बोलने के बाद जब गोडसे ने बोलना बन्द किया तब सभी सुनने वाले स्तब्ध और विचलित थे, एक गहरा सन्नाटा था, जब उसने बोलना बंद किया, महिलाओं की आँखों में आँसू थे और पुरुष भी खाँसते हुए रुमाल ढूँढ रहे थे l
मुझे कोई संदेह नहीं है, कि यदि उस दिन अदालत में उपस्थित लोगों की जूरी बनाई जाती और लोगों को गोडसे पर फैसला देने को कहा जाता तो उन्होंने भारी बहुमत से गोडसे को ‘निर्दोष’ करार कर दिया होता l
गोडसे का बयान सुनने के बाद मैं उन्हें फांसी की सज़ा नहीं देना चाहता था लेकिन मैं सरकार और प्रशासन के दबाव में मजबूर था, मुझे पता है कि गोडसे को फांसी की सज़ा देकर मैंने जो “पापकर्म” किया है ? उस के कारण यमराज के घर एक भयंकर “सज़ा” मेरा इंतजार कर रही है l “मैंने एक निर्दोष” और “महान देशभक्त” को “फांसी की सज़ा दी थी”, जिसके लिए “भगवान मुझे कभी क्षमा नहीं करेगा”
हिंदुस्तान में सनातनियों के प्रति कांग्रेसियों की ‘महान’ ‘उपलब्धिओं’ तथा “कारनामों” के बारे में सभी “सनातन धर्मावलम्बियों को जानकारी अवश्यमेव होनी चाहिए ।
(प्रस्तुति -राज मिश्रा, मुंबई)