Real Hero: फिल्मों की हीरो तो हमेशा नकली होते हैं, किन्तु असली जीवन का हर नायक असली हीरो होता है..
राजस्थान के सीकर की 22 वर्षीय छात्रा कोचिंग क्लास के बाद घर लौट रही थी — तभी उसकी जिंदगी ने एक डरावना मोड़ ले लिया।
नवलगढ़ पुलिया के पास तीन लोगों ने रास्ता पूछने के बहाने उसे रोका। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, वे उसे गाड़ी में खींच ले गए और कोई नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया।
घंटों बाद, जब गाड़ी जयपुर-दिल्ली हाईवे पर मानेसर बस स्टैंड पर चाय के लिए रुकी, लड़की को होश आया। घबराई हुई, बेहोशी से उबरती लड़की को एहसास हुआ कि वह घर से बहुत दूर है। तभी उसने उम्मीद की एक किरण
देखी — सीकर डिपो की राजस्थान रोडवेज बस।
उसने पूरी ताकत से चिल्लाना शुरू किया।
बस में थे कंडक्टर नेमीचंद मुवाल।
उन्होंने मदद की पुकार को नजरअंदाज नहीं किया। तुरंत बस रोकी, दौड़कर लड़की को बदमाशों की गाड़ी से निकाला।
जैसे ही भीड़ जमा होने लगी, आरोपी घबरा गए और फरार हो गए।
नेमीचंद ने लड़की को सँभाला, उसके परिवार से संपर्क किया और उसे सुरक्षित पिपराली गाँव वापस पहुँचाया।
जहाँ दुनिया चुपचाप तमाशा देखती है, वहाँ नेमीचंद ने हिम्मत दिखाई।
सलाम है इस हीरो को।
(अज्ञात वीर)