अध्यात्म को समझना जितना मुश्किल है शायद उतना ही सहज भी है, अगर कुछ आवश्यक है तो केवल इसके मर्म को समझना। क्योंकि एक बार जब आप अध्यात्म को अपनी जीवनशैली में शामिल कर लेते हैं तो निश्चित तौर पर ये आपके व्यक्तित्व को बदल सकता है, आपकी नीयति भी इसके द्वारा परिवर्तित हो सकती है।
अध्यात्म में ब्रह्म मुहूर्त को भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। और यह ब्रह्म मुहूर्त का समय मानसिक संपर्क साधने के लिए श्रेष्ठ है इस समय ध्यान करने पर दिव्य अनुभूतियों को अनुभव किया जा सकता है। ब्रह्म मुहूर्त यानि स्वयं ब्रह्मा का मुहूर्त, वही ब्रह्म जिसे इस ब्रह्मांड के रचनाकर के रूप में देखा जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक दृष्टिकोण से है महत्वपूर्ण
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दिन के इस समय को सबसे खास और महत्वपूर्ण माना गया है, अगर इस समय का सही उपयोग किया जाए तो यह ना सिर्फ आपके शरीर को सकारात्मक रूप से ऊर्जावान बनाता है बल्कि आपकी आत्मा को भी पुनः परिभाषित करने का काम करता है।
आयुर्वेद के अनुसार जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है वह हमेशा हष्ट पुष्ट व मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है, उसे बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ता। सूर्य उगने से ठीक डेढ़ घंटा पहले की अवधि को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त के समय अपना बिस्तर छोड़ देता है उसकी आयु में भी वृद्धि होती है।
श्रीकृष्ण के उपदेश
श्रीमद भागवत गीता के अंतर्गत स्वयं श्रीकृष्ण ने इस बात का उल्लेख किया है कि वह व्यक्ति जो सही आहार-विहार यानि दिनचर्या का पालन करता है वह जीवन की परेशानियों से मुक्त रहता है। ब्रह्म मुहूर्त आपको अपनी इसी जीवनशैली में सुधार लाने के लिए प्रेरित करता है। ब्रह्म मुहूर्त के समय को ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
वैज्ञानिका दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि दिन के इस समय पृथ्वी की ऊर्जाएं स्वयं मनुष्य से संपर्क साधने का प्रयत्न करती है और इस समय जागने की वजह से आप ज्यादा शांत और स्थिर होते हैं। इस वजह से आप उन ऊर्जाओं को ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं।
शरीर के साथ आत्मा का संबंध
ब्रह्म मुहूर्त में जागने से आपके माइंड-बॉडी-सोल में एक तरह का सामंजस्य निर्मित होता है, जो न सिर्फ आपको दिनभर के कार्यों में सहायता प्रदान करता है बल्कि आगामी जीवन में भी आपाको हेल्दी और दुरुस्त रखता है। आप अपने अवचेतन मन से संपर्क साध पाते हैं, अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने का समय आपको मिलता है। विशेषज्ञों की राय में ब्रह्म मुहूर्त के साथ लॉं ऑफ अट्रैक्शन भी जुड़ा है।
अच्छा पढ़ें व सुनें
इस समय के दौरान आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन मनन करना चाहिए। आष्टांग हृदय (आयुर्वेद) के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त का समय पढ़ने और ज्ञान प्राप्ति के लिए सबसे अनुकूल होता है। यह माना जाता है कि इस दौरान पढ़ी चीज कभी दिमाग से नहीं निकलती। पौराणिक दस्तावेजों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में आध्यात्मिक दस्तावेजों को पढ़कर ज्ञान प्राप्त करना श्रेष्ठ होता है।
भविष्य की योजना बनाएँ
जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है उसके पास दिनभर का बहुत समय होता है, इस अवधि में आपको दिनभर में किए जाने वाले कार्यों की योजना और रोड मैप बना सकते हैं। यह आपके कार्यों को पूरा होने में हेल्प कर सकता है।
खुद में सुधार का प्रयत्न करें
कल आपसे क्या-क्या गलतियाँ हुई थी, उन्हें आज आप किस तरह सुधारेंगे और किस तरह से अपने काम करेंगे, ये सभी बातों को समझे, अपने वर्तमान का आंकलन करने के लिए यह समय सबसे बेहतरीन है। खुद के बेहतर वर्जन बनाने, अपनी वर्तमान छवि तराशने के लिए यह समय बहुत अच्छा माना जाता है।
माता पिता ईष्ट गुरु को धन्यवाद दे
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले अपने माता – पिता, गुरु व ईष्ट का ध्यान व प्रणाम करना चाहिए, उन्हें मानसिक धन्यवाद देना चाहिए। माना जाता है दिन के इस समय आपकी शारीरिक ऊर्जाएं सबसे शक्तिशाली होती हैं और आप आसानी से इनका उपयोग कर सकते हैं। अगर आप किसी के साथ मानसिक संपर्क साधना चाहते हैं तो उसके लिए भी आप इस समय का उपयोग कर सकते हैं।।
ध्यान रहे, नित्य प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त का सदुपयोग भगवान का ध्यान, नाम- जप, मंत्रोच्चारण, अध्ययन- अध्यापन, योग-प्राणायाम आदि श्रेष्ठ कार्यो में ही करना चाहिए। जय श्री हरि
(आचार्य अनिल वत्स की प्रस्तुति)
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