Wednesday, January 22, 2025
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Best Novel: सिसली का नौजवान डाकू – गुलियानो (पार्ट-1)

 

गुलियानो (पार्ट-1)

हर किस्सा कहानी नहीं होता. हमारा मानना है कि हर किस्से के पीछे कोई कहानी हो न हो, पर हर कहानी के पीछे एक किस्सा जरूर होता है. हर किस्सा खामोशी से चीख कर कहता है – मैं किस्सा हूं, कहानी नहीं!

ये ऐतिहासिक कहानी है मारियो पूजो की कलम से दिल को छू लेने वाली – दि सिसिलियन.. जनता के बीच से उठ कर आया एक बहादुर नौजवान जो बना योद्धा अपराध की दुनिया का.. जिसे सिसली के लोगों ने दिलो-जान से प्यार दिया. तो तैयार हो जाइये दि सिसिलियन याने की गुलियानो की अमर कहानी का साक्षी बनने के लिये. आप न ये कहानी भूल पायेंगे न ही गुलियानो को. आइये करते हैं श्री गणेश.

माइकल कॉरलियोन पालेर्मो में एक लंबी लकड़ी की डॉक पर खड़ा था और उसने महासागर के बड़े जहाज को अमेरिका के लिए रवाना होते देखा. उसे भी इस जहाज से ही वापस अमेरिका रवाना होना था, लेकिन उसके पिता से नए निर्देश आए थे.

उसने छोटी मछली पकड़ने वाली नाव पर सवार लोगों को अलविदा कहा, जो उसे इस डॉक तक लाए थे, ये वे लोग थे जिन्होंने पिछले कई सालों से उसकी रक्षा की थी.  मछली पकड़ने वाली नाव महासागर के उस बड़े जहाज के पीछे सफेद लहर पर सवार थी, जैसे कोई बहादुर छोटी बत्तख अपनी माँ के पीछे-पीछे चली जा रही हो. उस पर सवार लोगों ने माइकल को वापस हाथ हिलाया; वह उनसे अब इस जिन्दगी में दुबारा नहीं मिलेगा.  

टोपी और ढीले कपड़े पहने मजदूरों से भरी हुई थी ये डॉक, जो दूसरे जहाजों से सामान उतार रहे थे, और इस लंबी डॉक में आए ट्रकों को लोड कर रहे थे.  ये छोटे दुबले-पतले आदमी थे जो इटली वाले कम लग रहे थे अरबी ज़्यादा लग रहे थे, उन्होंने बिल वाली टोपी पहनी हुई थी जिससे उनके चेहरे छिप गए थे.  उन्हीं में थे वे नए अंगरक्षक जो अमेरिका से माइकल की रक्षा की जिम्मेदारी सम्हालने आये थे. ये नये बॉडी गार्ड सुनिश्चित करेंगे कि माइकल को कोई नुकसान न पहुंचे, वजह ये भी थी कि अब माइकल उस डॉन क्रोस मालो से मिलने वाला था जिसे सिसली में कैपो डि कैपी याने “फ्रेंड्स ऑफ द फ्रेंड्स” कहा जाता था….

जबकि अखबार वाले और बाहर की दुनिया के लोग डॉन क्रोस मालो को माफिया कहती थी, लेकिन सिसिली में माफिया शब्द कभी भी आम नागरिक के मुंह से नहीं निकलता था, क्योंकि वे डॉन को कभी कैपो डि कैपी नहीं कहेंगे, बल्कि केवल “द गुड सोल” कहेंगे.

सिसिली में अपने दो साल के अज्ञातवास में माइकल ने डॉन क्रोस के बारे में कई कहानियाँ सुनी थीं, कुछ इतनी शानदार थीं कि उसे ऐसे आदमी के होने पर लगभग विश्वास ही नहीं हुआ, पर उसके लिये अपने पिता से मिले निर्देश साफ थे: उसे आज ही डॉन क्रोस के साथ दोपहर का भोजन करने का आदेश दिया गया था. इसके बाद उन दोनों को देश के सबसे बड़े डकैत, साल्वातोर गुलियानो को सिसिली से भागने की व्यवस्था करनी थी.  माइकल कॉरलियोन गुलियानो के बिना सिसिली नहीं छोड़ सकता था.

घाट के अंत में पचास गज से ज़्यादा दूर नहीं, संकरी गली में एक बड़ी काली कार खड़ी थी.  उसके सामने तीन आदमी खड़े थे. माइकल उनकी तरफ चल दिया. एक सिगरेट जलाते हुए और शहर पर बाहर से नजर डालने के लिए वो जरा दो पल रुक गया…

पालेर्मो एक विलुप्त ज्वालामुखी द्वारा बनाए गए कटोरे के तल में आराम करने वाला एक सोया हुआ शहर लग रहा था, जो तीन तरफ पहाड़ों से घिरा हुआ था, और चौथी तरफ भूमध्य सागर ती नीली चौड़ी छाती चमक रही थी. शहर सिसिली दोपहर के सूरज की सुनहरी किरणों में झिलमिला रहा था.  लाल रोशनी की किरणें धरती पर टकरा रही थीं, मानो सदियों से सिसिली की धरती पर बहाए गए खून को प्रतिबिंबित कर रही हों.  

सूरज की सुनहरी किरणें ग्रीक मंदिरों के आलीशान संगमरमर के स्तंभों, मकड़ी जैसे मुस्लिम पूजाघरों की बुर्जों, स्पेनिश गिरजाघरों के नुकीले अग्रभागों को नहला रही थीं. दूर पहाड़ी पर एक प्राचीन नॉर्मन महल दिखाई दे रहा था. इन सभी को अलग-अलग क्रूर सेनायें छोड़ कर चली गई थीं जो कभी ईसा के जन्म से पहले से सिसिली पर राज करती थीं.

महल की दीवारों से परे शंकु के आकार के पहाड़ों ने पालेर्मो शहर के एक बड़े हिस्से को किसी  अजनबी की तरह अपने गले लगाया हुआ था. ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों अपने घुटनों पर आराम से बैठे हों. पहाड़ के हाथों की एक रस्सी शहर की गर्दन को चारों ओर से कसी हुई थी. ऊपर बहुत ऊपर, अनगिनत छोटे लाल बाज चमकीले नीले आकाश में पतंग की तरह उड़ रहे थे.

माइकल घाट के कोने में उसका इंतजार कर रहे तीनों आदमियों की ओर चल दिया.  दूर से उनकी काली आकृतियाँ रहस्यमयी दिखाई दे रही थीं. वह अपने हर कदम के साथ उनको और अधिक स्पष्ट रूप से देख पा रहा था.

ये तीनों लोग माइकल का इतिहास जानते थे. वे जानते थे कि वो अमेरिका के महान डॉन कॉरलियोन का सबसे छोटा बेटा था. अमेरिका में डॉन कॉरलियोन गॉडफादर के नाम से जाने जाते थे, जिनकी शक्ति सिसिली तक फैली हुई थी. वे तीनों जानते थे कि माइकल ने कॉरलियोन साम्राज्य के एक दुश्मन को मारते समय न्यूयॉर्क शहर के एक उच्च पुलिस अधिकारी को भी खत्म कर दिया था. वह उन हत्याओं के कारण सिसिली में छिपकर अज्ञातवास बिता रहा था और अब आखिरकार, जब वहां मामले “सुलझ” गए हैं, तो वह कॉरलियोन परिवार के राजकुमार के रूप में अपना स्थान फिर से हासिल करने के लिए अपने वतन वापस जा रहा था.

उन्होंने माइकल को ध्यान से देखा जिस तरह से वह तेज़ कदमों के साथ बड़ी सहजता से आगे बढ़ रहा था, उसकी चौकस सतर्कता उसके चेहरे को ऐसे व्यक्ति की तरह दिखा रही थी जिसने पीड़ा और खतरे को सहन करना सीखा था.  वह स्पष्ट रूप से एक ‘सम्मानित’ व्यक्ति था. जैसे ही माइकल घाट से उतरा, उसका स्वागत करने वाला पहला व्यक्ति एक पादरी था, भरे शरीर वाले इस आदमी के सिर पर चिकनी चमगादड़ जैसी टोपी थी.  पादरी के सफेद कॉलर पर  सिसिली की लाल धूल छिड़की हुई थी. फूले गालों वाला यह आदमी फादर बेनियामिनो मालो था, जो सिसली के महान डॉन क्रोस का भाई था.  

फादर बेनियामिनो मालो सज्जन दिखने वाला धर्मपरायण किस्म का व्यक्ति था, लेकिन वह अपने प्रसिद्ध रिश्तेदार डॉन क्रोस के प्रति पूरी तरह समर्पित था और किसी ‘शैतान’ को अपने सीने के इतने करीब पाकर भी घबराया नहीं था.   

फादर बेनियामिनो माइकल से हाथ मिलाते हुए घबराहट के साथ मुस्कुराया और माइकल की दोस्ताना टेढ़ी-मेढ़ी मुस्कान से आश्चर्यचकित होते हुए भी उसने राहत महसूस की, जो किसी नामधारी हत्यारे के चेहरे पर कभी नजर नहीं आती.  

दूसरा व्यक्ति इतना सौहार्दपूर्ण नहीं था, हालाँकि काफी विनम्र था.  यह इंस्पेक्टर फेडेरिको वेलार्डी था, जो पूरे सिसिली की सुरक्षा पुलिस का प्रमुख था…

ये तीनों में से एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जिसके चेहरे पर स्वागत करने वाली मुस्कान नहीं थी.  पतले शरीर का मालिक सरकारी वेतन पाने वाला यह व्यक्ति अपनी सुंदर और ठंडी नीली आँखों के सामने बहुत पहले दो नॉर्मन विजेताओं को गोलियों से उड़ा चुका था.

इंस्पेक्टर वेलार्डी को किसी अमेरिकी व्यक्ति से किसी तरह का प्यार कैसे हो सकता था वो भी ऐसा अमेरिकन जिसने उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों की हत्या की हो. ऐसा व्यकित सिसिली में रहने के लिये अपनी किस्मत तो आजमा सकता है पर उसकी गारंटी वेलार्डी बिलकुल नहीं ले सकता था. माइकल को इंस्पेक्टर वेलार्डी से हाथ मिलाते समय ठंडी तलवार के स्पर्श जैसा ऐहसास हुआ था.

तीसरा आदमी लंबा और भारी था. वह अन्य दो के बगल में खड़ा बहुत बड़ा सा लग रहा था.  उसने माइकल के हाथ को अपने दोनो हाथों मे लिया और  फिर उसे स्नेही आलिंगन में आगे खींचा.  “कजिन माइकल,” कह कर उसने मुस्कुराते हुए उसका स्वागत किया. उसने कहा- “पालेर्मो में आपका स्वागत है. “

फिर वह पीछे हट गया और माइकल को स्नेह भरी सतर्क नज़र से देखते हुए कहा – “मैं स्टेफ़ानो एंडोलिनी हूँ, तुम्हारे पिता और मैं कॉरलियोन में एक साथ बड़े हुए हैं. मैंने तुम्हें अमेरिका में देखा था, जब तुम छोटे बच्चे थे. क्या तुमको मेरी याद है?”.

अजीब बात है कि माइकल को याद था, क्योंकि स्टेफ़ानो एंडोलिनी सभी सिसिलीवासियों में सबसे अलग इंसान था, एक लाल बालों वाला लंबा चौड़ा आदमी. उसका चेहरा भी कुछ ऐसा था कि एक बार देख कर कोई भूल नहीं सकता था. मुँह बहुत बड़ा और बेडौल –साथ में थे मोटे लाल कटे हुए मांस जैसे होंठ; ऊपर बालों वाले नथुने थे, और उसकी गहरी आँखों में गुफाएँ दिखाई देती थीं. हालाँकि वह मुस्कुरा रहा था, लेकिन यह एक ऐसा चेहरा था जिसे देख कर आपको किसी होने वाली हत्या का आभास हो सकता था.

इस फादर के साथ, माइकल ने तुरंत ही अपना कनेक्शन समझ लिया.  लेकिन इंस्पेक्टर वेलार्डी तो किसी रहस्य से कम नहीं था.  एंडोलिनी ने एक रिश्तेदार की जिम्मेदारी निभाते हुए माइकल को इंस्पेक्टर की आधिकारिक क्षमता के बारे में सावधानीपूर्वक समझाया. माइकल सावधान था. उसने सोचा, येआदमी यहाँ क्या कर रहा है?

इंस्पेक्टर वेलार्डी को साल्वातोर गुलियानो के सबसे पक्के अनुयायियों में से एक माना जाता था.  और यह स्पष्ट था कि इंस्पेक्टर और स्टेफानो एंडोलिनी एक-दूसरे को नापसंद करते थे. ऊपरी तौर पर उन्होंने ऐसे दो लोगों का उत्कृष्ट शिष्टाचार वाला व्यवहार दिखाया, जो खुद को एकदूसरे के खिलाफ जानलेवा जंग के लिए तैयार कर रहे हों..

कार-चालक ने उनके लिए कार का दरवाज़ा खोला. फादर बेनियामिनो और स्टेफानो एंडोलिनी ने माइकल को सम्मानजनक तरीके से थपथपाते हुए पीछे की सीट पर बैठाया. फादर बेनियामिनो ने ईसाई विनम्रता के साथ आग्रह किया कि माइकल खिड़की के पास बैठे जबकि वो खुद बीच में बैठा. वो चाहता था कि माइकल को पलेर्मो की खूबसूरती देखनी चाहिए. एंडोलिनी ने पीछे दूसरी सीट ले ली.  

इंस्पेक्टर पहले ही ड्राइवर के बगल में जा बैठा था. माइकल ने देखा कि इंस्पेक्टर वेलार्डी ने दरवाज़े का हैंडल पकड़ रखा था ताकि वह उसे जल्दी से खोल सके. माइकल के दिमाग में यह विचार आया कि शायद फादर बेनियामिनो खुद को सीधा निशाना बनने से बचने के लिए बीच वाली सीट पर बैठ गए थे.

एक विशाल काले ड्रैगन की तरह, कार पालेर्मो की सड़कों पर धीरे-धीरे आगे बढ़ी.  इस एवेन्यू पर सुंदर मूरिश दिखने वाले घर, विशाल ग्रीक-स्तंभ वाली सार्वजनिक इमारतें, स्पेनिश कैथेड्रल दिखाई दे रहे थे.  निजी घर नीले, सफेद, पीले रंग से रंगे हुए थे, सभी की फूलों से सजी बालकनियां बाहर झांक रही थीं जो सड़क के सिर के ऊपर एक और राजमार्ग सा बना रही थीं.

यह एक सुंदर दृश्य होता अगर इटली की राष्ट्रीय पुलिस कारबीनियरी दस्तों के रूप में शहर के हर कोने पर राइफलों के साथ गश्त करती नजर न आती. ऐसा लगा कि ऊपर की बालकनियां भी माइकल की कार पर नजर रख रही थीं. उनकी भारी बड़ी कार ने अपने आस-पास के अन्य वाहनों को बौना बना दिया, खासकर खच्चर द्वारा खींची जाने वाली किसानों की गाड़ियाँ जो ग्रामीण इलाकों से अधिकांश ताजी फसलें काट कर लाती ले जाती थीं.  ये गाड़ियाँ चमकीले रंगों से रंगी हुई थीं, पहियों की तीलियों तक और खच्चरों को थामे रखने वाले शाफ्ट तक.

कई गाड़ियों के किनारों पर हेलमेट पहने शूरवीरों और ताज पहने राजाओं के चित्र दिखाई दे रहे थे. कइयों पर शारलेमेन और रोम्या रोलां की किंवदंतियों के नाटकीय दृश्य अंकित थे. ये सिसिली के लोकगीतों के प्राचीन नायक थे. वहीं कुछ गाड़ियों पर माइकल ने एक सुंदर युवक की आकृति दिखी जो मोलस्किन पतलून और बिना आस्तीन की सफेद शर्ट पहने हुए था इस नौजवान की बेल्ट में बंदूकें थीं, उसके कंधे पर भी बंदूकें लटकी हुई थीं. उसके चित्र के नीचे दो पंक्तियों किसी नारे जैसी लिखी दिखाई देती थीं जो हर गाड़ी में बड़े लाल अक्षरों से समाप्त होती थी- साफ साफ वहां लिखा हुआ था – साल्वातोर गुलियानो

सिसिली में अपने अज्ञातवास के दौरान माइकल ने साल्वातोर गुलियानो के बारे में बहुत कुछ सुना था.  उसका नाम हमेशा अखबारों की सुर्खियां बनता  था. हर जगह लोग उसके बारे में बात करते थे.

सिसली की रहने वाली माइकल की दुल्हन अपोलोनिया ने भी ये बात कबूल की थी कि हर रात वह गिलियानो की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती थी, जैसा कि सिसिली के लगभग सभी बच्चे और युवा करते थे. वे उससे प्यार करते थे, वह भी उनमें से एक थी सिसली में गुलियानो एक ऐसी शख्सियत था जैसा बनने का सपना हर कोई देखता था. लोग इस बीस साल के नौजवान को एक महान सेनापति के रूप में एक महान योद्धा मानते थे क्योंकि गुलियानो ने अपने खिलाफ भेजी गई कारबीनियरी सेनाओं को हराया था. जितना सुंदर उसका चेहरा था उतना ही प्यारा उसका दिल भी था. वह सिसली का रॉबिनहुड था. अपनी आपराधिक कमाई का अधिकांश हिस्सा गुलियानो गरीबों को दे दिया करता था. बहुत से कारण थे जिनसे नौजवान उसे अपना प्रेरणा –नायक मानते थे. और अपने आदर्श की तरह उसे पूजते थे.

इस लायक था भी गुलियानो. बहादुर तो था ही, वो एक सदाचारी व्यक्ति भी था. उसकी गैंग के डकैतों को कभी भी महिलाओं या चर्च वाले फादरों से छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं थी.  जब उसे किसी मुखबिर या देशद्रोही को मारना होता था, तो वह हमेशा अपने शिकार को अपनी अंतिम प्रार्थना करने और अपनी आत्मा को शुद्ध करने का समय देता था ताकि वह अगली दुनिया के शासकों के साथ सबसे अच्छे संबंध बना सके.  यह सब माइकल को बिना बताए पता था.  माइकल की गाड़ी ने एवेन्यू पार कर लिया था और अब एक घर की दीवार पर एक विशाल काले अक्षरों वाला पोस्टर माइकल की नज़र में आया.

उसे बस इतना ही समय मिला कि वह शीर्ष पंक्ति पर लिखा शब्द गुलियानो पढ़ सके. फादर बेनियामिनो खिड़की की ओर झुके हुए थे और उन्होंने कहा, “यह गुलियानो की घोषणाओं में से एक है. सब कुछ होने के बावजूद वह अभी भी रात में पलेर्मो पर शासन करता है.” “और इसमें क्या लिखा है?” माइकल ने पूछा.  

“वह पालेर्मो के लोगों को फिर से स्ट्रीटकार की सवारी करने की अनुमति देता है,” फादर बेनियामिनो ने कहा.  “वह अनुमति देता है?” माइकल ने मुस्कुराते हुए पूछा.  “कोई डाकू अनुमति देता है?”

कार के दूसरी तरफ स्टेफानो एंडोलिनी हँस रहे थे. “काराबीनियरी ट्राम चलाते हैं इसलिए गुलियानो उन्हें उड़ा देता है.  लेकिन पहले उसने लोगों को चेतावनी दी थी कि वे उनका इस्तेमाल न करें. अब वह उन्हें और न उड़ाने का वादा कर रहा है.” माइकल ने रूखेपन से कहा – “तो फिर गुलियानो ने पुलिस से भरी ट्राम क्यों उड़ाई?” इंस्पेक्टर वेलार्डी ने अपना सिर घुमाया, नीली आँखों से माइकल को घूरते हुए देखा. ा

“क्योंकि रोम ने अपनी मूर्खता दिखाई और गुलियानो के पिता और माँ को एक बदनाम अपराधी का साथ देने के लिए गिरफ्तार किया था. याने कि माता-पिता अपने बेटे का ही साथ दें तो अपराधी हो गये? ये है इस देश का फासीवादी कानून जिसे सरकार ने लागू किया हुआ है. ” फादर बेनियामिनो ने शांत भाव से कहा.  

“मेरे भाई डॉन क्रोस ने उनकी रिहाई करवाई. अरे, गुलियानों के माता पिता की गिरफ्तारी के कारण मेरा भाई रोम से बहुत नाराज़ था. “

हे भगवान, माइकल ने सोचा.  डॉन क्रोस रोम से नाराज़ था? गुलियानो का साथ देने की बात करने वाला ये माफिया डॉन क्रोस आखिर है कौन?

माइकल की गाड़ी एक गुलाबी रंग की इमारत के सामने रुकी.  हर कोने पर नीली मीनारें दिखाई देती थीं.  प्रवेश द्वार के सामने एक असाधारण, चौड़ी हरी धारीदार छतरी थी जिस पर लिखा था HOTEL UMBERTO, जिसकी सुरक्षा में दो हथियारबंद दरबान थे, जो चमकीले सुनहरे बटन वाली वर्दी पहने हुए थे.  लेकिन माइकल इस भव्यता से विचलित नहीं हुआ.  

उसकी अभ्यस्त आँखों ने होटल के सामने की सड़क की तस्वीरें खींचीं.  कम से कम दस हिथियारबंद गार्ड्स जोड़ों में दिखाई दिये जो लोहे की रेलिंग के सहारे झुके हुए थे.  ये लोग अपने काम को छिपा नहीं रहे थे.  बिना बटन वाली जैकेट से उनके शरीर पर बंधे हथियार दिखाई दे रहे थे.  जब माइकल कार से बाहर आया तो उनमें से दो ने पतले सिगार पीते हुए उसका रास्ता रोक दिया, वे उसे करीब से ऐसे जाँचने लगे जैसे कब्र के लिए उसका कफन नाप रहे थे.  उन्होंने इंस्पेक्टर वेलार्डी और अन्य लोगों को नज़रअंदाज़ कर दिया.  जैसे ही ये ग्रुप होटल में दाखिल हुआ, गार्डों ने उनके पीछे प्रवेश द्वार को बंद कर दिया.  

लॉबी में चार और पहरेदार प्रकट हुए और उन्हें एक लंबे गलियारे में ले गए.  इन लोगों के चेहरे पर सम्राट के महल के सेवकों जैसा गर्व था.  गलियारे के अंत में दो बड़े ओकवुड के दरवाज़े थे.  एक ऊंची, सिंहासन जैसी कुर्सी पर बैठा एक आदमी खड़ा हुआ था जिसने कांसे की चाबी से दरवाज़े खोले.  उसने झुककर फादर बेनियामिनो के लिये एक रहस्यमयी मुस्कान पेश की.

ये दरवाज़े कमरों के एक शानदार सुइट में खुलते थे. खुली फ्रांसीसी खिड़कियों से बाहर एक शानदार गहरा बगीचा दिखाई देता था, जिसमें से नींबू के पेड़ों की खुशबू आती थी.  जब वे अंदर गए तो माइकल ने सुइट के अंदर दो लोगों को तैनात देखा.  माइकल को आश्चर्य हुआ कि डॉन क्रोस पर इतनी कड़ी सुरक्षा क्यों थी.  वह गुलियानो का दोस्त था, वह रोम में न्याय मंत्री का विश्वासपात्र था और इसलिए पलेर्मो शहर में रहने वाले कारबीनेरी पुलिस से सुरक्षित था.  फिर महान डॉन को किससे और किस बात का डर था? उसका दुश्मन कौन था?

(क्रमशः)

Parijat Tripathi
Parijat Tripathi
Parijat Tripathi , from Delhi, continuing journey of journalism holding an experience of around three decades in TV, Print, Radio and Digital Journalism in India, UK & US, founded Radio Hindustan & News Hindu Global.

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