Sunday, December 14, 2025
Google search engine
HomeTop NewsUS-India: पुतिन के जाते ही बेकरारी दिखा दी डोनाल्ड ट्रम्प ने -...

US-India: पुतिन के जाते ही बेकरारी दिखा दी डोनाल्ड ट्रम्प ने – कर दिया पीएम मोदी को फोन

US-India: पुतिन-मोदी मुलाकात के तुरंत बाद सक्रिय हुई अमेरिकी कूटनीति: ट्रंप ने पीएम मोदी को किया फोन, व्यापार से लेकर तकनीक तक कई मुद्दों पर गहन बातचीत..

US-India: पुतिन-मोदी मुलाकात के तुरंत बाद सक्रिय हुई अमेरिकी कूटनीति: ट्रंप ने पीएम मोदी को किया फोन, व्यापार से लेकर तकनीक तक कई मुद्दों पर गहन बातचीत..

वैश्विक राजनीति में प्रायः हर गतिविधि के पीछे गहरी रणनीति छिपी होती है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को अभी पूरा सप्ताह भी नहीं बीता था कि इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे फोन पर संवाद स्थापित किया। यह कॉल न केवल समय की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले महीनों में विश्व राजनीति की दिशा को प्रभावित करने वाले कई संकेत भी समेटे हुए है।

इस अप्रत्याशित लेकिन रणनीतिक रूप से सार्थक बातचीत में भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति पर विस्तृत विमर्श हुआ। दोनों नेताओं ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, सुरक्षा और क्रिटिकल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग निरंतर मजबूत होता जा रहा है। बातचीत में यह भी स्पष्ट हुआ कि दोनों देश भविष्य की संवेदनशील तकनीकों—जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सेमीकंडक्टर्स, साइबर सिक्योरिटी और क्लीन एनर्जी—में मिलकर कार्य करने के इच्छुक हैं।

अमेरिकी पहल के पीछे छिपा कूटनीतिक संदेश

पुतिन और मोदी के बीच हाल में हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात ने अमेरिका को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भारत रूस के साथ दशकों पुरानी रणनीतिक मित्रता को उसी मजबूती से आगे बढ़ाने में कोई संकोच नहीं कर रहा। ट्रंप का यह फोन इसी समझदारी का परिणाम माना जा रहा है।

वॉशिंगटन इसमें भलीभांति समझता है कि मौजूदा वैश्विक समीकरणों में भारत को नजरअंदाज करना किसी महाशक्ति के लिए भारी भूल साबित हो सकता है, खासकर तब जबकि एशिया आज नए शक्ति-संतुलन का केंद्र बन चुका है।

बातचीत के दौरान मोदी और ट्रंप दोनों ने यह मान्यता दी कि भारत-अमेरिका की Comprehensive Global Strategic Partnership पिछले वर्षों में बेहद तीव्र गति से आगे बढ़ी है। अमेरिका की यह पहल इस बात का संकेत भी है कि भारत रूस के साथ संवाद के बाद भी वैश्विक पटल पर संतुलित विदेश नीति अपनाते हुए अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को उसी दृढ़ता से आगे बढ़ा रहा है—बिना किसी दबाव के, अपनी प्राथमिकताओं के अनुरूप।

टेक्नोलॉजी और व्यापार पर ट्रंप का विशेष जोर

ट्रंप ने विशेष रूप से तकनीक और व्यापार को गहराई से विस्तारित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह अमेरिकी पक्ष की उस चिंता को दर्शाता है जो चीन की बढ़ती तकनीकी और आर्थिक ताकत से जुड़ी है। अमेरिका चाहता है कि भविष्य की वैश्विक टेक-सप्लाई चेन में भारत एक विश्वसनीय और केंद्रीय भूमिका निभाए। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रक्षा टेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग में भारत-अमेरिका सहयोग को मजबूत करना इसी रणनीति का हिस्सा है।

भारत की ‘संतुलित कूटनीति’ का एक और उदाहरण

इस फोन कॉल का समय भी खास है, क्योंकि राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी आने वाले महीनों में भारत का दौरा कर सकते हैं। यदि यह यात्रा होती है, तो यह सिद्ध करेगा कि भारत आज सबसे जटिल वैश्विक मुद्दों पर तटस्थ, व्यावहारिक और संवाद-आधारित नीति अपनाते हुए रूस, अमेरिका और यूक्रेन—तीनों से समान स्तर पर बात करने की स्थिति में है।

भारत की यह भूमिका इसे वैश्विक मध्यस्थ, संतुलनकर्ता और भरोसेमंद साझेदार देश के रूप में स्थापित करती है। ट्रंप-मोदी वार्ता इसी दिशा में भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत का प्रमाण है, जो दिखाती है कि देश आज किसी भी वैश्विक दबाव के आगे झुकने के बजाय अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर फैसले ले रहा है।

(प्रस्तुति -त्रिपाठी पारिजात)

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments