Parakh Saxena के इस लेख में जानिये संघ प्रमुख मोहन भागवत जी के विषय में जो कल 75 वर्ष के हो गए हैं.. देश पर उपकार है इनका जिन्होंने देश को मनमोहन के युग से मोदी के युग मे लाने का दायित्व निभाया..
भारत मे सबसे शक्तिशाली लोगो मे पहले नंबर पर राष्ट्रपति है दूसरे पर प्रधानमंत्री। द्रोपदी मुर्मू और नरेंद्र मोदी की शक्तियां परिभाषित है।
लेकिन एक व्यक्ति है जिनकी शक्तियाँ अपरिभाषित हैं, ये जन गण की तरह रहते है मगर भारत भाग्य विधाता है। संघ प्रमुख मोहन भागवत आज 75 वर्ष के हो गए है, वे भागवत जो देश को मनमोहन के युग से मोदी के युग मे लाये।
नरेंद्र मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बनते यदि आडवाणी, राजनाथ और सुषमा स्वराज नाम का पत्थर भागवत नहीं हटाते। ज़ब संघ उन्हें मिला था तब बीजेपी अपने बुरे समय से जूझ रही थी, सरस्वती शिशु मंदिर ओल्ड फैशन हो रहे थे तो किसान संघ पर कम्युनिस्ट भारी पड़ रहे थे।
2009 मे ज़ब भागवत संघ प्रमुख बने तो सबसे पहले नितिन गडकरी को दिल्ली भेजा और एक एक करके गुटबाजो को बाहर फेका, उमा भारती का विरोध करने पर तो उन्होंने राजनाथ सिंह और सुषमा स्वराज तक का इस्तीफा मांग लिया था।
ज़ब आडवाणी ने शिवराज का नाम आगे करके मोदी को किनारे करना चाहा तो भागवत ने सारे प्रस्ताव वीटो कर दिये और मोदीजी ही प्रधानमंत्री बने। भागवत पहले संघ प्रमुख थे जिन्होंने जोड़ तोड़ की राजनीति को प्रैक्टिकल ढंग से देखा।
वे कांंग्रेसियो के बीजेपी मे आने के समर्थक नहीं थे मगर मुँह भी नहीं फुलाया। उल्टे ज़ब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी जॉइन की तब एक बयान आया कि घर मे पुनः स्वागत है। भागवत के नेतृत्व मे ही संघ के स्कूलों ने अंग्रेजी को भी वरीयता देना शुरू किया।
भागवत ने दिखावे के महत्व को भी जाना, आप संघ प्रमुख के कई भाषण अंग्रेजी मे भी सुनेंगे। ऐसा करने से विदेशो तक मे आपके विचार पहुँचते है, संघ आज जितना विस्तृत पहले नहीं हुआ। आज महिला, किसान और छात्र तीनो ही वर्गों मे संघ के संगठन प्रमुख है।
बीजेपी आज जितनी मजबूत पहले नहीं थी, अमित शाह को तो श्रेय जाएगा ही मगर मोहन भागवत को इग्नोर नहीं किया जा सकता। आप उनके कुछ बयानो को लेकर निंदा कर सकते है मगर इस व्यक्ति ने किंग मेकर की जो भूमिका निभाई है उसका कोई तोड़ नहीं।
डॉ हेडगेवार और गुरु गोलवलकर से तुलना करना बेमानी होंगी मगर भागवत खुद एक मापदंड है, संघ के इतिहास का कोई भी अध्याय इन्हे छुए बिना नहीं गुजरेगा। साथ ही पहले संघ प्रमुख है जिन्होंने आज ऑफिस मे 75 का नंबर पार किया है।
आज देश इस स्थिति मे पहुँचा कि वैश्विक शक्तियों के बीच खड़ा है, उसका श्रेय नेतृत्व के साथ साथ नेतृत्व बनाने वाले को भी बनता है। देश को नरेंद्र मोदी देने के लिये देश का भविष्य सदा RSS और मोहन भागवत जी का आभारी रहेगा।
(परख सक्सेना)