Friday, August 8, 2025
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Poetry by Kalindi Trivedi: तुम दूर करो तम दूर करो !!

Poetry By Kalindi Trivedi: कालिंदी जी की इस कविता 'तुम दूर करो तम दूर करो' में पढ़िए भावों का कवितात्मक दिशाबोध..

Poetry By Kalindi Trivedi: कालिंदी जी की इस कविता ‘तुम दूर करो तम दूर करो’ में पढ़िए भावों का कवितात्मक दिशाबोध..

तुम दूर करो तम दूर करो !!

अन्तरतम का तमस मिटा दो,
अहंकार को दूर करो।

कैसा विषम समय है आया,
चारों ओर अंधेरा छाया।
नारी की अस्मिता लुट रही,
मानव रूपी दरिंदे बढ़ रहे ।
अनाचार अब दूर करो।

जब जब होंही धर्म की हानी,
बाढ़हीं असुर अधम अभिमानी ।
तब तब धरी तुम मनुज शरीरा ,
हरहुं कृपा निधि सज्जन पीरा ।
अब यह विश्वास साकार करो ।

संकट का विषम समय आया
मन में भी निराशा है छाया।
आशा का किरण दिखाओ तुम
यह गहन उदासी दूर करो
प्रभु!आशा का संचार करो ।

कालिंदी त्रिवेदी

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