Gautam Adani: वैश्विक धरातल पर भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में महती भूमिला निभाने वाले भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति गौतम अडानी अपने जीवन संतुलन और काम-काज और के बारे में अपने विचार व्यक्त करते समय किसी तरह का संकोच नहीं करते. दिल्ली में हाल ही में मीडिया से वार्ता के दौरान उनके वक्तव्यों में उनके संघर्ष और परिवार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दिखाई देती है.
Adani Group Chairman Gautam Adani: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम ने हाल के दिनों में आर्थिक राजधानी मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पत्रकारों से विभिन्न मुद्दों पर बात की. अपने दिल की बात साझा करते हुए लब्ध-प्रतिष्ठ उद्योगपति गौतम अडानी ने कहा कि हमारे लिए हमारा काम और हमारा परिवार ही हमारी दुनिया है, इसके अतिरिक्त कुछ नहीं है.
‘हमारी भूमिका आधारभूत ढांचे के काम में अहम’
मुंबई में मीडिया को सम्बोधित करते हुए गौतम अडानी ने कहा, “अडानी ग्रुप आधारभूत ढांचे के काम में वो काम कर रहा है, जिसे करने में बड़े-बड़े उद्योग समूह भी असमर्थ हैं. अडानी ग्रुप से बड़े आकार वाली कंपनियां भी इस क्षेत्र में अडानी ग्रुप द्वारा किए जा रहे चौथाई काम के बराबर भी कार्य नहीं कर प् रही हैं.”
अडानी ने विषय को स्पष्ट करते हुए कहा कि हालांकि कुछ कंपनियां उद्योग में बड़ी हैं, परन्तु आधारभूत ढांचे के काम में जो भूमिका अडानी ग्रुप की है वह प्रमुख है.
‘ऐसे आता है संतुलन जीवन में’
अपने जीवन संतुलन और काम-काज के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “आपका जीवन और कार्य संतुलन में तब आता है जब आप वह करते हैं जो करना आपको पसंद है.” अडानी ने इस तरह एक संदेश सभी व्यवसायियों के लिए दिया कि यदि हम अपने पसंदीदा कार्य में लगे होते हैं तो हमारा जीवन स्वाभाविक रूप से संतुलित होता है.
‘कामकाज ही हमारी दुनिया है’
अपने परिवार के विषय में बात करते हुए अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, “हमारा कार्य अर्थात कामकाज ही हमारी दुनिया है, इसके अतिरिक्त और कुछ नहीं है. यही हमारे बच्चे भी देखते हैं और यही वो समझते हैं और सीखते हैं.”
‘लम्बी दूरी की यात्रा मैंने तय हुई है’
गौतम अडानी ने अपनी एक व्यक्तिगत यात्रा का स्मरण करते हुए बताया, “10वीं कक्षा में पढ़ाई करने के दौरान मेरी बोलने की क्षमता अच्छी नहीं थी, चूंकि मूल रूप से मैं एक छोटे से गांव से आया था, तो यह स्वाभाविक ही था. परनत जब आज मैं अपनी यात्रा को देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि जैसे एक लम्बी दूरी की यात्रा मैंने तय की है.”